Intezari Song Hindi Lyrics - Article 15.

Intezari Song Lyrics - Article 15 | Ayushmann Khurrana | Armaan Malik | Anurag Saikia | Shakeel Azmi


The Song Sung By Armaan Malik Written By Shakeel Azm


SONG CREDITS
Singer: Armaan Malik
Lyrics: Shakeel Azmi
Music: Anurag Saikia
Music Produced/ Orchestrated/ Design by Anurag Saikia.
Co-Produced by Ishan Das.
Addl. Production and Live dub conducted by Arabinda Neog, Pritom Gohain Borua, Anubhav Gogoi.
Vocal Design : Soham Naik & Nupur Pant. 

Intezari Song Hindi Lyrics - Article 15.

आ ना, आ भी जाना, इन्तेज़ारी है तेरी                                             YOU ALSO MAY LIKE - ⏬ 
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी                                ARTICLE 15, KAHAB TOH SONG LYRICS-
वो जो हम रोये साथ थे
भीगे दिन और रात थे
खारे खारे पानी की कहानी वो लेजा ना
आ ना, आ भी जाना, इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
दाँत काटे, संग बांटे
खटे मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तनहा साथिया?
दाँत काटे, संग बांटे
खटे मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तनहा साथिया?
हो कभी यूँही तकना तुझे, यूँही देखना
कभी बैठे बैठे यूँही तुझे सोचना
वो पल क़रार के
वो जो थे लम्हें प्यार के
उन्हें मेरे ख़्वाबों से
खयालों से ले जा ना
आ ना, आ भी जाना इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
...
कभी रूठना वो तेरा किसी बात पर
कभी हँसके ताली देना मेरे हाँथ पे
थोड़े शिखवे, कुछ गीले
वो जो थे अपने सिलसिले
टूटे हुवे वादे वो
इरादे वो ले जा ना
आ ना, आ भी जाना इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
दाँत काटे, संग बांटे
खटे मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तनहा साथिया?
दाँत काटे, संग बांटे
खटे मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तनहा साथिया?

INTEZARI VIDEO SONG HERE - ⏬


Post a Comment

0 Comments